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Period kiya hai | उनके कारण ,कितने दिनों तक चलते हैं, सावधानियां ,दर्द से राहत मेहतपुड़ सभी जानकारिया ?

Period kiya hai: पीरियड एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक मासिक रूप से होने वाली योनि से खून की निकासी है। इस लेख में, हम आपको पीरियड के बारे में सभी जानकारी देंगे। इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस मुद्दे के साथ संबंधित समस्याओं को दूर कर सकते हैं।

Period kiya hai

पीरियड क्या होते हैं और उनके कारण क्या होता है?

पीरियड या मासिक धर्म के बारे में बात करने से पहले, हमें इसके कारणों को समझना आवश्यक है। महिलाओं में, रगड़ों के द्वारा उत्तेजित होने वाले हॉर्मोन के कारण यह आते हैं।

पीरियड शुरू होने से पहले, एक महिला के शरीर में एक अंडा उत्पन्न होता है, जो उत्रस्थली में जमा होता है। यदि यह अंडा गर्भधारण नहीं करता है, तो शरीर के अंदर कुछ दिनों तक बने रहते हैं और फिर रगड़ों के द्वारा बाहर निकल जाते हैं। इसे मासिक धर्म कहा जाता है।

यह हॉर्मोन उत्तेजक की तरह काम करते हैं जो उत्रस्थली के भीतर जमा हुआ होता है। इन हॉर्मोन के अधिक हो जाने से, शरीर के अंदर एक गति आती है जो मासिक धर्म के रूप में बाहर आती है।

इस प्रकार, पीरियड के कारण महिलाओं में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं जो उत्रस्थली के अंदर उत्पन्न होते हैं।
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पीरियड आने की सही उम्र क्या है?

एक लड़की के लिए, उनका पहला पीरियड (मासिक धर्म) शुरू होने की सही उम्र 11 से 14 साल के बीच होती है। हालांकि, इसमें कुछ विविधताएं हो सकती हैं जो योग्यता और आयु से संबंधित होती हैं।

उम्र के साथ, पीरियड्स की अवधि और अनियमितता आमतौर पर कम होती है और उन्हें नियमित बनाने में मदद मिलती है। यदि कोई लड़की 15 साल की उम्र के बाद भी अपने पहले पीरियड को नहीं देखती है, तो वह एक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
पीरियड्स की तस्वीर

पीरियड क्यों होता है

पीरियड (मासिक धर्म) महिलाओं के शरीर का एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें उनके गर्भाशय से शरीर के बाहर रक्त और अन्य पदार्थों का निर्वहन होता है।

यह निर्वहन हर महीने शरीर के अंदर एक अंडा तैयार करने के लिए होता है जो गर्भाशय में स्थापित होता है। यदि अंडा गर्भवती नहीं होता है तो गर्भाशय की ऊतक की अंतिम परत रक्त और अन्य पदार्थों के साथ निष्कासित होती है।

इस प्रक्रिया को माहवारी या पीरियड कहा जाता है। इस प्रक्रिया में अंडा निकलने के बाद गर्भाशय की ऊतक की अंतिम परत को मल द्वारा निष्कासित किया जाता है जिससे महिला के शरीर से रक्त और अन्य पदार्थ निकलते हैं।

यह प्रक्रिया हर महीने होती है जब तक महिला गर्भवती नहीं होती है। यह उन महिलाओं के शरीर में होता है जो युवा हैं और जिनके शारीरिक विकास में पुरुषों के शरीर से थोड़ी अलग प्रक्रियाएं होती हैं।

पीरियड कितने दिनों तक चलते हैं और उनमें कौन-कौन से अवधियां होती हैं?

  1. पीरियड की अवधि महिला से महिला तक भिन्न हो सकती है। सामान्य रूप से, पीरियड की अवधि 3 से 7 दिन तक होती है। हालांकि, कुछ महिलाओं को इससे भी कम अवधि होती है, जबकि कुछको इससे भी अधिक दिनों तक पीरियड होते हुए देखा जाता है।

  2. इसके अलावा, पीरियड के दौरान अधिकांश महिलाओं को कुछ अवधियां भी होती हैं। यहाँ हम इन अवधियों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

  3. पीरियड से पहले की अवधि (प्री-मेनस्ट्रुअल अवधि) - यह अवधि पीरियड से कुछ दिन पहले शुरू होती है और महिलाओं में अलग-अलग होती है। इस अवधि में, महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं जो उत्रस्थली के भीतर एक अंडा उत्पन्न करते हैं। इस अवधि में महिलाओं में थकान, मूड स्विंग्स, स्तन में सूजन आदि लक्षण आ सकते हैं।

  4. पीरियड के दौरान की अवधि - पीरियड के दौरान महिलाओं को व्यायाम, सही खानपान आदि की आवश्यकता होती है।
  5. पीरियड के बाद की अवधि (पोस्ट-मेनस्ट्रुअल अवधि) - इस अवधि में भी हॉर्मोनल बदलाव होते हैं जो उत्रस्थली में अंडे की गुणवत्ता बढ़ाते हैं। इस अवधि में महिलाओं की त्वचा और बालों में सुधार हो सकता है और शरीर की कुछ और बदलाव हो सकते हैं।
पीरियड के दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ बदलाव होते हैं। इनमें से कुछ बदलाव निम्नलिखित हैं:

  • मासिक धर्म के दौरान महिलाओं की उत्रस्थली से खून निकलता है।
  • महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं जो उत्रस्थली में अंडा उत्पन्न करते हैं।
  • कुछ महिलाओं को पीरियड के दौरान दर्द या तकलीफ हो सकती है।
  • पीरियड के दौरान महिलाओं की त्वचा और बालों में बदलाव हो सकता है।
  • पीरियड के दौरान महिलाओं को व्यायाम, सही खानपान आदि की आवश्यकता होती है।

पीरियड के दौरान खान-पान में कुछ सावधानियां रखनी चाहिए। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

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  1. हाई फाइबर युक्त आहार लें: पीरियड के दौरान हाई फाइबर युक्त आहार लेना बेहद फायदेमंद होता है। अनाज, फल और सब्जियां आपको हाई फाइबर प्रदान करती हैं जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।

  2. तले नहीं खाएं: तले हुए खाने से बचें, क्योंकि इससे आपकी पाचन शक्ति को अधिक दबाव पड़ता है जो आपके पेट में तकलीफ पैदा कर सकता है।

  3. कैफीन से परहेज करें: ज्यादा कैफीन वाली चाय, कॉफी और कोला जैसी चीजों से बचें। कैफीन आपको तनावित करता है और यह आपके पीरियड के दौरान ज्यादा तनाव उत्पन्न कर सकता है।

  4. पैकेज फूड से बचें: इसके अलावा, पैकेज फूड से भी बचें। इसमें उच्च मात्रा में नमक और शक्कर होती है जो आपको उल्टी कर सकता है और आपकी त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

  5. वजन नियंत्रित रखें:

पीरियड के दौरान सही तरीके से स्वच्छता का ध्यान कैसे रखा जाए?

पीरियड के दौरान स्वच्छता रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय अधिक मात्रा में बैक्टीरिया बनते हैं जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इसलिए, इस समय स्वच्छता के बारे में अधिक ध्यान देना चाहिए।

यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जो पीरियड के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखने में मदद कर सकते हैं:

  1. नियमित रूप से स्नान करें - पीरियड के दौरान नियमित रूप से स्नान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। अधिक से अधिक गर्म पानी का उपयोग करें ताकि आपके शरीर की गंदगी और त्वचा के ऊपर के लिए उपयुक्त स्थान हो।

  2. नए सेबुकोटन उपयोग करें - पीरियड के दौरान नए सेबुकोटन का उपयोग करना चाहिए। इसे नियमित अंतराल पर बदलना चाहिए।

  3. नीचे लंगोट या पैड का उपयोग करें - पीरियड के दौरान साफ और शुद्ध रखने के लिए नीचे लंगोट या पैड का उपयोग करें। सेल्यूलोजिक पैड ज्यादा बेहतर होते हैं क्योंकि वे अधिक सुरक्ष
पीरियड के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। यह न केवल आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है, बल्कि इससे इन्फेक्शन का भी खतरा कम होता है। इसलिए, निम्नलिखित टिप्स का पालन करके आप स्वच्छता का ध्यान रख सकते हैं:

  • पैड बदलने की अन्तर्दृष्टि रखें। आपको नियमित अंतरालों पर पैड बदलने की आवश्यकता होगी। एक दिन में कम से कम तीन बार या अधिक बार पैड बदलने की कोशिश करें।
  • सही तरीके से धोएं। पीरियड के दौरान आपको अपनी योनि को साबुन और गर्म पानी से धोना चाहिए। साबुन का उपयोग करने से पहले सुनिश्चित करें कि यह फ्रेग्रेंस फ्री हो। साबुन का उपयोग करने के बाद ध्यान दें कि आप धोने के बाद अच्छी तरह से सुखा लें।
  • संक्रमण से बचें। पीरियड के दौरान संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, आपको योनि क्षेत्र को साफ और सुखा रखना चाहिए। फेमिनिन हाइजीन के उपयोग से संक्रमण का खतरा कम किया जा सकता है।
  • कपड़

पीरियड के दौरान S&x करने से जुड़ी सावधानियां क्या हैं?

पीरियड के दौरान S&x करना अधिकतर महिलाओं के लिए असाध्य होता है, इसलिए इसे एक सावधानीपूर्वक फैसला माना जाना चाहिए। पीरियड के दौरान सेक्स करने से जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में हम यहां बता रहे हैं।

संक्रमण का खतरा: पीरियड के दौरान S&x करने से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस दौरान रक्त का फ्लो ज्यादा होता है। इसलिए साफ़-सुथरे और सुरक्षित S&x को हमेशा अपनाना चाहिए।

दर्द या खुजली: पीरियड के दौरान सेक्स करने से अधिकतर महिलाओं को दर्द या खुजली की समस्या होती है। इसलिए, S&x के दौरान ध्यान रखना चाहिए और संभव हो तो इसे अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

शौच के दौरान S&x न करें: पीरियड के दौरान महिलाओं के शरीर में ज्यादा रक्त होता है जो कि संक्रमण को बढ़ावा देता है। इसलिए इस दौरान शौच के दौरान S&x करना बेहद खतरनाक होता है।

कंडोम का इस्तेमाल करें: 

पीरियड के दौरान सही पदार्थ कैसे चुनें?

पीरियड के दौरान सही पदार्थ का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय शरीर में अनेक तरह के बदलाव होते हैं, जिससे महिलाओं को अलग-अलग प्रकार के खानपान करने की जरूरत होती है। यहां हम आपको कुछ सुझाव दे रहे हैं जो आपको पीरियड्स के दौरान सही पदार्थ चुनने में मददगार साबित हो सकते हैं।

1.फल और सब्जियां:
पीरियड्स के दौरान फल और सब्जियां खाना बहुत फायदेमंद होता है। इनमें फाइबर और विटामिन्स की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसके अलावा सेव, अंजीर, केला, तरबूज और कद्दू आदि खाने से इंसुलिन की मात्रा भी बनी रहती है, जो कि पीरियड्स के दौरान बहुत जरूरी होती है।

2.दूध और दैहिक उत्पाद:
पीरियड के दौरान सही पदार्थ चुनने के लिए आपको ध्यान देना चाहिए कि उनमें ज्यादा से ज्यादा फाइबर और पौष्टिक तत्व हों। इसके अलावा आप निम्नलिखित पदार्थों का भी उपयोग कर सकते हैं:

  • लहसुन, हल्दी, धनिया और अदरक: ये खाने में उपयोग किए जाने वाले मसाले पीरियड के दौरान भी उपयोगी होते हैं। इनमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से आपको बहुत लाभ मिलता है।
  • दूध और दूध से बनी चीजें: दूध और दूध से बनी चीजें पीरियड के दौरान उपयोग करने से आपको प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी मिलता है। इनसे आपके हड्डियों का स्वस्थ विकास होता है।
  • फल और सब्जी: फल और सब्जियां बहुत से पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो आपके शरीर के लिए बेहद लाभदायक होते हैं। आप केले, सेब, नारियल और अनार का उपयोग कर सकते हैं। सब्जियों में गाजर, बीन्स, पालक और टमाटर का उपयोग कर सकते हैं।
इसके अलावा, पीरियड के दौरान गर्म चीजें भी नहीं खानी चाहिए। गर्म चीजें खाने से पेट में गैस बनने का खतरा होता है और इससे पेट में दर्द या उलटी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, आपको खाने में ठंडी चीजें जैसे कि फल और सब्जियां खानी चाहिए।

साथ ही, शराब और तम्बाकू जैसी चीजें भी पीरियड के दौरान बिल्कुल भी नहीं पीनी चाहिए। इन चीजों में मौजूद निकोटीन और एल्कोहल आपके पेट की समस्याओं को बढ़ा सकते हैं और इससे आपको दर्द या उलटी का सामना करना पड़ सकता है।

पीरियड के बाद सही तरीके से स्वस्थ रहने के उपाय

पीरियड के बाद सही तरीके से स्वस्थ रहने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स का पालन कर सकते हैं:

  • दूध, दही, मक्खन जैसी दूध से बनी चीजें खाएं। ये आपको ऊर्जा देते हैं और आपके शरीर को टोन देते हैं।
  • खाने में खास ध्यान रखें और आहार में शाकाहारी आहार शामिल करें। फल, सब्जियां, दालें, अनाज आपके शरीर को

पीरियड से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए कौन से घरेलू नुस्खे उपयोगी होते हैं?

पीरियड से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे होते हैं जिन्हें अपनाकर महिलाएं समस्याओं से निपट सकती हैं। नीचे कुछ ऐसे नुस्खे बताए गए हैं जो पीरियड से जुड़ी समस्याओं में लाभदायक हो सकते हैं।

  • अदरक: अदरक के सेवन से पीरियड से जुड़ी दर्द व क्रम आराम प्राप्त किया जा सकता है। अदरक में शामिल एंटी-इन्फ्लामेटरी तत्व होते हैं जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
  • गुड़हल: गुड़हल के फूलों को पानी में भिगो दें और फिर उस पानी को पी लें। गुड़हल खून के बहाव को कम करने में मदद करता है जो पीरियड के दौरान होता है।
  • सौंफ: पीरियड से जुड़ी समस्याओं के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ का उपयोग पेट दर्द और क्रम को कम करने के लिए किया जाता है। सौंफ में मौजूद एंटी-इन्फ्लामेटरी तत्व भी होते हैं जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
  • हल्दी: पीरियड के दौरान हल्दी का सेवन दर्द को कम कर

पीरियड के दौरान शारीरिक गतिविधियों पर कैसा असर पड़ता है?

पीरियड के दौरान महिलाओं के शारीर में कई बदलाव होते हैं जिनसे शारीरिक गतिविधियों पर असर पड़ता है। निम्नलिखित हैं पीरियड के दौरान शारीरिक गतिविधियों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. हृदय गतिविधि: पीरियड के दौरान महिलाओं के हृदय की गतिविधि में बदलाव होता है। इस दौरान हृदय अधिक काम करता है जिससे लोगों को अस्वस्थ भाव आता है।

  2. श्वसन गतिविधि: पीरियड के दौरान श्वसन गतिविधि में भी बदलाव होता है। मासिक धर्म के दौरान अधिक ऑक्सीजन की जरूरत होती है इसलिए इस दौरान अधिक श्वसन करने की आवश्यकता होती है।

  3. पाचन गतिविधि: मासिक धर्म के दौरान पाचन गतिविधि में भी बदलाव होता है। इस दौरान पाचन तंत्र में सुधार होता है और खाने के पाचन क्षमता में कमी होती है।

  4. बुखार: कुछ महिलाओं को पीरियड के दौरान बुखार होता है। यह बुखार आमतौर पर उन लोगों में होता है जो मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक स्त

पीरियड के दौरान दर्द से राहत पाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?

पीरियड के दौरान दर्द से राहत पाने के लिए कुछ आसान उपाय हैं। नीचे दिए गए कुछ उपायों का उपयोग करके आप अपने दर्द को कम कर सकते हैं:

  1. शरीर को ठंडा रखें: पीरियड के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जो दर्द का कारण बनता है। इसलिए, अधिक से अधिक पानी पिएं और ठंडा पानी का उपयोग करें। यदि संभव हो तो आप ठंडी चीजों का सेवन कर सकते हैं, जैसे ठंडा दूध, दही आदि।

  2. गर्म पद लगाएं: पीरियड के दौरान गर्म पद दर्द कम करने में मददगार साबित होते हैं। आप गर्म बैग, हॉट बॉटल, गर्म तौलिया आदि का उपयोग कर सकते हैं।

  3. मासिक धर्म से पहले योग और ध्यान करें: योग और ध्यान करने से शरीर के हार्मोन स्तर नियंत्रित होते हैं जो पीरियड के दौरान दर्द को कम करने में मदद करते हैं। आप नियमित रूप से योग और ध्यान कर सकते हैं ताकि आपका शरीर इन तकनीकों को समझ सके।

  4. सही खाद्य सामग्री का सेवन करें: अपनी डाइट में lo 

पीरियड के दौरान अनियमितता से कैसे निपटा जाए?

पीरियड के दौरान अनियमितता आम बात है, लेकिन अगर आप इससे परेशान हैं तो इसे दूर करने के लिए कुछ टिप्स हैं।

  1. स्तनपान और वजन कम करने की कोशिश करें।
  2. अपने भोजन में पोषक तत्वों को शामिल करें।
  3. अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
  4. धैर्य रखें और स्ट्रेस से दूर रहें।
  5. व्यायाम करें या योग करें।
  6. नियमित नींद लें।
इन टिप्स को अपनाकर आप अपने पीरियड के दौरान अनियमितता से निपट सकते हैं। यदि आपकी समस्या बहुत ज्यादा हो तो एक चिकित्सक से सलाह लेना भी फायदेमंद हो सकता है।

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