surya grahan kese hota heसूर्य ग्रहण एक घटना है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है और सूर्य को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है। इस घटना के दौरान, सूर्य के पूर्ण या आंशिक रूप से ढके होने के कारण सौरमंडल का वातावरण तेजी से ठंडा हो जाता है और सूर्य के चारों ओर भांजीमार निशान दिखाई देने लगते हैं। सूर्य ग्रहण का समय और अवधि अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती है।
जब सूर्य ग्रहण हो तो इसका ध्यान रखने की जरूरत होती है। सूर्य ग्रहण के दौरान धूम्रपान, शराब का सेवन और नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान घर के अंदर सबसे अधिक अंधेरा होने की संभावना होती है, इसलिए इस समय अतिरिक्त सतह या लैंप को दृश्यमान स्थानों पर रखा जाना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान धार्मिक मान्यताओं का पालन करना चाहिए और योग व ध्यान भी करना चाहिए।
जब चांद धरती और सूर्य के बीच से गुजरता है, तब सूर्य ग्रहण होता है। सूर्य ग्रहण एक ऐसी घटना होती है जब चांद सूर्य के बीच आकर उसे ब्लॉक करता है और इस प्रकार सूर्य का एक भाग या पूरा सूर्य चांद के बीच से छिप जाता है।
सूर्य ग्रहण के प्रकार
पूर्ण सूर्य ग्रहण
जब चांद सूर्य के सामने पूरी तरह से खड़ा हो जाता है तब पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है। इस समय सूर्य का पूरा भाग चांद के बीच से छिप जाता है।
अंशिक सूर्य ग्रहण
जब चांद सूर्य के सामने खड़ा होता है और सूर्य के कुछ हिस्से को ब्लॉक करता है तब अंशिक सूर्य ग्रहण होता है।
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण को भी अंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में जाना जाता है। इसमें एक समय पर सूर्य का अंश ब्लॉक होता है जबकि दूसरी बार सूर्य का पूरा भाग चांद के बीच से छिप जाता है।
सूर्य ग्रहण के वैज्ञानिक प्रभाव
वैज्ञानिक प्रभाव होते हैं। सूर्य ग्रहण के समय सूर्य की किरणों का आना धीमा हो जाता है जो कि वैज्ञानिक अध्ययनों के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा, सूर्य ग्रहण का असर भी होता है। जैसे कि लोगों के दिमाग पर असर होता है, सूर्य ग्रहण के समय भी लोगों के दिमाग पर असर होता है जो कि उनमें अनुचित विचारों और अशांति का अनुभव होता है।
सूर्य ग्रहण के समय क्या न करें
खान-पान के संबंध में सावधानी बरतें
सूर्य ग्रहण के समय कुछ लोग रहस्यमयता को देखते हुए खान-पान करते हैं। इसे नहीं करना चाहिए क्योंकि सूर्य ग्रहण के समय किरण थोड़ी आम से अलग होती हैं और इससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।
न बाहर जाएं
सूर्य ग्रहण के समय लोगों को बाहर नहीं जाना चाहिए क्योंकि सूर्य की किरणें धीमी होती हैं जो कि आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
शादी या किसी शुभ कार्य के लिए सूर्य ग्रहण दिन न चुनें
करने के लिए भी सूर्य ग्रहण दिन नहीं चुना जाना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें
पूजा व ध्यान करें
सूर्य ग्रहण के समय ध्यान और पूजा करने से मन शांत रहता है और सूर्य ग्रहण के असर से बचा जा सकता है।
सफेद कपड़े वाले कपड़े पहनें
सूर्य ग्रहण के समय सफेद कपड़े पहनने से लोगों के दिमाग पर असर कम होता है और वे शांत रहते हैं।
दान करें
सूर्य ग्रहण के समय दान करने से मन और शरीर शुद्ध रहता है और सूर्य ग्रहण के असर से बचा जा सकता है।
संबंधित आम सवाल
सूर्य ग्रहण कब होता है?
सूर्य ग्रहण वार्षिक रूप से दो बार होता है, जो अक्टूबर या नवंबर में होता है।
सूर्य ग्रहण की वजह क्या है?
सूर्य ग्रहण की वजह धरती के चांद से और धरती से सूर्य के बीच बन रहे त्रिकोण की वजह से होता है।
सूर्य ग्रहण का समय कितना होता है?
सूर्य ग्रहण का समय लगभग 3 घंटे तक होता है।
सूर्य ग्रहण में क्या खाना चाहिए?
सूर्य ग्रहण के समय ज्यादा खाने से शारीरिक असमानता होती है। इसलिए, सूर्य ग्रहण के समय फल और शाकाहारी भोजन करना उचित होता है।
सूर्य ग्रहण के समय क्या नहीं करना चाहिए?
सूर्य ग्रहण के समय कुछ विशेष कार्य नहीं करने चाहिए, जैसे कि अशुभ कार्य, अन्याय, झूठ बोलना, व्यापार में नए शुरुआत करना, दूसरों को ठगना, आदि।
निष्कर्ष
सूर्य ग्रहण अत्यंत महत्वपूर्ण एवं रोमांचक घटना है। इसका महत्व धर्म, ज्योतिष, आध्यात्मिकता, वैज्ञानिक दृष्टि से भी है। सूर्य ग्रहण के दौरान ध्यान, पूजा, दान आदि करने से इसके असर से बचा जा सकता है।
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